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एक बात कहनी है

मै अपने दोस्त मनोज कुमार "MJ" की पोस्ट पढ़ रही थी जिसमें उन्होंने औरतों की प्रॉब्लम और उसके साथ साथ उन पुरुषों की बात की है जो पुरुष जाति पर बदनुमा दाग हैं। मेरे हिसाब से आप सभी को वो पोस्ट पढ़नी चाहिए।


फर्स्ट ऑफ ऑल हैट्स ऑफ सैल्यूट टू दिस पर्सन 🙌🏻 🙌🏻🙌🏻🙌🏻🙌🏻  जो दूसरों की तकलीफों को इतने अच्छे से समझता है एंड आई प्राऊड माइसेल्फ टू हैव ए सच टाइप ऑफ फ्रेंड।

वैसे तो ये कई टॉपिक है जो एक साथ जुड़े हुए है और मैं इन सभी टॉपिक पर बहुत कुछ लिख भी सकती हूं। पर उस लिखने का क्या फायदा जिससे कुछ बदलाव ही ना हो और इन सब में बदलाव इतनी आसानी से नही होने होना। जब इस टॉपिक पर लिख ही रही हूं तो क्यों ना साथ साथ इससे जुड़े हुए कुछ ओर टॉपिक भी लेती चलूं।

जैसे MJ ने बात कही है कि उनकी दादी, नानी उनको औरतों की इज्जत करनी सिखाती है। तो इन सब चीजों में सबसे बड़ा हाथ परिवार का ही होता है। जैसे आपकी दादी नानी आपको सिखाती है कि औरतों की इज्जत करो वैसे ही अगर बाकि की अपने भाई बेटों को सिखाए और बताए कि जैसे मैं हूं वैसी ही बाकि लडकियां भी होती है। मै तो इन सबमें जितनी ज्यादा गलती पुरुषों की मानती हूं उतनी ही ज्यादा औरतों की भी मानती हूं। मेरे लिए गलत, गलत है वो चाहे फिर कोई भी क्यों ना हो। अब अगर कोई लड़की पीरियड्स या इससे जुड़े किसी टॉपिक की बात घर पर या खास तौर पर अपने भाई , बाप या किसी ओर के सामने बोल दे तो घर की औरतें बोलती है कि ये क्या कर दिया। वे लोग इसे रिएक्ट करती है मानो पता नही कौन सा बड़ा पाप कर दिया। अरे आप लोगों को क्या पता जिन लोगों के सामने आप ऐसी बातें कहने से मना रही है वें जनाब पूरी की पूरी बायोलॉजी पढ़ कर बैठे हुए है और आप सभी की पीठ पीछे क्या क्या कर्म काण्ड किए हुए है आपको पता भी नही। तो जैसे आप लोग अपनी बेटियों और बहनों को बैठाकर समझाते हो कि घर की इज्जत तुम्हारे हाथों में है अगर इसे कुछ हुआ तो तो जिंदा नहीं छोड़ेंगे। बाहर मत जाओ बाहर खतरा है बल्ला बल्ला बहुत सारी बातें है।

तो आप अपने भाई बेटों को भी बोलों ना कि दूसरों के घर की इज्जत की इज्जत करें नही तो हम तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे। एक को ही ये सब क्यों बोला जाता है। जो ये गलत काम करते है अगर उनके घर वाले ही उनको सजा देने लगें तो ये ऐसे क्राइम बहुत कम हो जायेंगे। पर नही उनको तो उल्टा उन (गाली नहीं दे सकती क्योंकि मैं नहीं देती ) जो पुरुष के नाम पर जो दब्बा है उनका बचाना होता है। अरे मियां जैसे आपके घर की औरतें है वैसे ही सबके घर की होती है। पर जो दूसरों के घर की इज्जत की इज्जत नहीं करते वे अपने घर की इज्जत की इज्जत करते होंगे मुझे तो नही लगता।

अब दूसरा टॉपिक था घर से बाहर खतरा है। अरे मेरेको कोई ये बताओ रे लड़कियों को बाहर खतरा किस से है इन भेड़ियों से। तो ये वही प्रजाति है जो सोशल मीडिया पर लड़कियों के आगे पीछे घूमते फिरते है और दिखाते है कि ये ही सबसे ज्यादा इज्जत करते है। पर जो इज्जत करता है वो इस तरह से गाता नही फिरता। तुम लोगों को एक बात और बताऊं ये जो लड़कियां भाई बोलती है। वे इसी लिए बोलती है ताकि तुम लोग उनकी इज्जत कर सको। पर कुछ 🤬 ऐसे लोग है जो इस रिश्ते की भी कद्र नही करते। उन लोगों को बस इतना ही कहूंगी तुम लोग धरती पर सिर्फ गंदगी हो। चुल्लू भर पानी वो भी नाले वाले में डूब मरो क्योंकि तुम जैसों के मरने के लिए इतना काफ़ी है। कभी कोई किसी लड़के को कहता है कि बाहर मत जाओ तुम्हें लड़कियों से खतरा है। लडकियां चाहे कुछ भी कर ले मैने कभी नही सुना कि लड़की ने ऐसा कुछ काम किया और अगर कोई लड़की तुम्हारे खिलाफ बोल देती है तो तुम्हारी जो .......... में आग लगती है ना तो उस पर पेट्रोल डाल कर ठंडा कर लिया करो। दूसरे किसी इंसान को जीते जी मरने की क्या जरुरत। इन लोगों को कहने से कोई फायदा नही। इसका सीधा सा उपाय है कि इन्हें ऐसी सजा देनी चाहिए जैसा इन लोगों ने उस लड़की के साथ किया है। तभी इन लोगों को पता चलेगा दर्द क्या होता है।

बाकि कहने को तो मैं इस टॉपिक पर बहुत कुछ कह सकती हूं पर कुछ फायदा नहीं। इसके लिए हम सब लोग मिलकर एक कोशिश करें तभी कुछ पॉसिबल है। हम से पहले लोगों ने क्या किया क्या नही उस से हमें कोई लेना देना नही होना चाहिए।  चाहे लड़की को या लड़का इन बातों को हर कोई झेलता है। इसका सीधा सा एक ही उपाय है अगर हम पुराने लोगों को नही बदल सकते तो आने वाले को तो बदल ही सकते है। जो ये इन टॉपिक पर ज्ञान देते है वें अपने बच्चों भाई बहनों को ये चीजें बचपन से सिखाए क्योंकि इन सब चीज़ों में परिवार के संस्कार ही सबसे ज्यादा मायने रखते है और जो जो इस आर्टिकल को पढ़ रहा है अगर वो सच में बदलाव करना चाहता है तो वो बहुत ज्यादा बदलवा कर सकता है। आर्टिकल पढ़ कर उस पर कॉमेंट करने से कुछ नही होने वाला।

बाकि मैं इन टॉपिक पर बहुत दिनों से लिखने की सोच रही थी पर उसके लिए फैन फॉलोइंग होनी जरुरी है और जिनके पास फैन फॉलोइंग है उनको इन सबसे कोई लेना देना नही है। मैं भी टाइम निकाल कर मम्मी पापा की गलतियों के बारे में लिखूंगी। अगर वें चाहे तो कितना कुछ बदल सकते है।

धन्यवाद 🙏🏻
इसे आगे बढ़ाएं, अपने विचार जोड़े। आइए एक संघर्ष में शामिल हों! और टाइम मिलने पर ऐसे ही टॉपिक पर आगे भी लिखूंगी।


आंचल राठौर "आंच"


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